ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और यूरोपियन यूनियन के नेतृत्व के बीच कल हुई वार्ता का परिणाम GBP/USD जोड़े के बुल्स को बहुत भाया: पौंड ने अपनी स्थिति को दुबारा हासिल किया, खासकर डॉलर के कमजोर होती हुई पृष्ठभूमि में। हालांकि कल कोई विशिष्ट निर्णय नही लिया गया था लेकिन समिट के आशावादी रवैये से निवेशकों में उम्मीद की किरण जगी। अब खुला सवाल यह है कि इन उम्मीदों को उचित ठहराया जाए या नही, लेकिन तथ्य यह है कि: ब्रिटिश मुद्रा के दाम पिछले 24 घंटों में डॉलर जोड़े में और क्रॉस जोड़े में बढ़े हैं जिससे बढ़ती हुई मांग का पता चलता है।
अनुमान के अनुसार GBP/USD जोड़े के ट्रेडर्स ने नवीनतम मैक्रोइकोनॉमिक रिपोर्ट पर बिल्कुल ध्यान नही दिया। हालांकि पिछले हफ्ते के आंकड़े एंटी-रिकॉर्ड्स से भरे हुए हैं। उदाहरण के तौर पर, यह सबको मालूम चल गया की ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड 20% से गिरावट आयी है, यह इतिहास में सबसे बड़ी गिरावट है। आयात और निर्यात में बड़ी मात्रा में नुकसान देखने को मिला और वहीं एयरलाइन मार्केट 92% कम हो गया। दूसरी ओर होटल, बार और रेस्तरां के बंद होने से सर्विस मार्केट 88% से गिर गया। कोरोनवायरस संकट की पृष्ठभूमि में, देश की अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्सों को छोड़कर लगभग सभी हिस्सों को नुकसान हुआ। औद्योगिक उत्पादन इंडेक्स ने एंटी-रिकॉर्ड (-20.3%) भी दिखाया, और प्रसंस्करण उद्योग की उत्पादन मात्रा वार्षिक टर्म में लगभग 30% घट गई। यह सच मे अवलोकन के इतिहास में पहले कभी नही हुआ है। आज प्रकाशित हुए बेरोजगारी डेटा ने स्थिति को और भी खराब कर दिया और हालांकि बेरोजगारी दर लगभग 3.9% रही, बेरोजगारी लाभ के लिए आवेदन की संख्या 528 हजार हो गई है। सैलरी डेटा भी वार्षिक और मासिक दोनों टर्म में "रेड ज़ोन" में दिखा।
लेकिन इतने "कातिल" आंकड़ों के बावजूद पौंड ने झटके को सह लिया, हालांकि अमेरिकी मुद्रा में सामान्य मजबूती आने के कारण डॉलर के साथ जोड़े में यह नीचे गिर गया। GBP/USD बियरस न तो शुक्रवार को, न हीं कल और न हीं आज (अभी तक) डेली चार्ट में बोलिंगर बैंड इंडीकेटर के मिडिल लाइन को पार पाने में सफल हुए।
वहीं दूसरी ओर, ब्रुसेल्स और लंदन ने कल सामान्य तरीके से बातचीत नही किया। निस्संदेह, समिट एक अस्पष्ट संयुक्त वक्तव्य के साथ समाप्त हुआ: पार्टियों ने भाषण को तेज करने और सौदे को पूरा करने की अपनी मंशा की घोषणा की। उसी समय उन्होंने वार्ता के लिए नई तारीख को तय नही किया और मुख्य मुद्दों पर उनकी दृढ़ असहमति तो चर्चा का विषय है हीं। बोरिस जॉनसन ने एक और विशिष्ट स्थित की बात की: उन्होंने कहा की अगले महीने तक वे EU-UK संबंधों के विस्तार के लिए वार्ता पूरी होने की उम्मीद रखते हैं। जाहिर तौर से, ब्रिटिश प्रधानमंत्री के पोजीशन से GBP/USD बुल्स को 26वें फिगर के मध्य तक उठने में मदद मिली।
मेरी राय में, जोड़े की वर्तमान वृद्धि अल्पकालिक और अनुचित है। बहुत सारे विशेषज्ञों की राय में इतने कम समय मे पार्टियां ट्रेड समझौते के सभी मुद्दों पर सहमत नही हो सकती है। फिलहाल, पार्टियों के बीच अभी लगभग किसी भी मुद्दे पर सहमति नही बनी है: मछलीपालन से लेकर कृषि और दवाइयों की बिक्री के नियम और टैरिफ तक। वार्ता के पिछले सभी संस्करण विफल हो गए: न तो लंदन और न हीं ब्रुसेल्स ने समय सीमा" के दृष्टिकोण के बावजूद कोई भी रियायत दिया। बोरिस जॉनसन ने कल एक बार फिर स्पष्ट कर दिया की वे ट्रांजीशन पीरियड बढ़ाने का इरादा नही रखते हैं, उन्होंने यह संकेत दिया की अगली वार्ता के खत्म होने तक यह साफ हो जाएगा कि कोई ट्रेड डील संभव है भी या नही, अगर नही तो दोनों देश व्यापार सौदे के बिना संबंधों के एक नए प्रारूप के लिए तैयार होंगे।
कुछ विश्लेषकों के अनुसार ब्रिटिश सरकार के प्रमुख "ब्लफ" दे रहे हैं और लंदन के समझौते की स्थिति को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने पिछले साल भी इसी रणनीति को अपनाया था, लेकिन अंत में उन्होंने वार्ता की प्रक्रिया को फिर भी बढ़ा दिया था। कई विशेषज्ञों के अनुसार (ब्रिटिश और यूरोपियन दोनों), इस साल जॉनसन को फिर से ट्रांजीशन पीरियड बढ़ाना पड़ेगा और यह बस ब्रुसेल्स की तरफ से बढ़ते हुए दबाव के कारण नही होगा। Ipsos MORI के विशेषज्ञों के द्वारा अभी किये गए सर्वे के अनुसार, 54% ब्रिटिश नागरिक इस बात का समर्थन करते हैं कि सरकार को EU से इस वार्ता को स्थगित करने के लिए पूछना चाहिए। एक अन्य सर्वेक्षण के मुताबिक, एक्सटेंशन के समर्थकों की संख्या लगभग 70% है, यह देखते हुए कि बिना सौदे के, देश को दवाइयों की आपूर्ति में समस्या हो सकती है। इसी के साथ, कोरोनावायरस सकंट के कारण जॉनसन के रेटिंग पर भी काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। कई ब्रिटिश नागरिकों का आरोप है कि कंज़र्वेटिव पार्टी ने महामारी के समस्या पर समय से कार्य नही किया और देश को क्वारंटाइन काफी देरी से किया गया। कोरोनावायरस ने न सिर्फ प्रधानमंत्री के रेटिंग पर असर डाला बल्कि इससे सरकार पर भी असर पड़ा, उनके कार्यों को मात्र 30% ब्रिटिश नागरिकों द्वारा अनुमोदित किया गया है। इसीलिए, अंतिम पल में जॉनसन शायद वार्ता को बढ़ाने के लिए राजी हो जायें लेकिन उससे पहले उनपर कई लोगों की उम्मीद टिकी होगी: यूरोपियन वार्ताकारों और GBP/USD ट्रेडर्स दोनों का।
इसका सार यही निकलता है कि, यह कहा जा सकता है कि पौंड फिर से आशावादी है। पार्टियों ने वार्ता को फिर से "आवेग" देने पर सहमति जताई है, लेकिन किसी भी प्रतिभागी ने यह नही स्पष्ट किया की वे समझौते के लिए रियायत देने को तैयार हैं या नही। इस अनिश्चितता के बीच, पौंड के ऊपर की ओर आक्रामक विकास करने की संभावना नहीं है, इसलिए सलाह दी जाती है कि अभी की स्थिति को पहले सपोर्ट लेवल 1.2460 पर बिक्री के अवसर के तौर पर देखा जा सकता है (डेली चार्ट पर बोलिंगर बैंड इंडिकेटर का मध्य लाइन)।