फरवरी की शुरुआत क्रिप्टो बाजार में उथल-पुथल के साथ हुई, क्योंकि बिटकॉइन के मूल्य में भारी गिरावट आई, जिससे परिसमापन $2 बिलियन से अधिक हो गया और निवेशक भ्रमित हो गए।
इस अस्थिरता का कारण डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा थी, जिसमें उन्होंने कनाडा, मैक्सिको और चीन से आयातित वस्तुओं पर नए व्यापार शुल्क लगाने की बात कही। अब सवाल यह है कि क्या यह व्यापार शुल्क युद्ध क्रिप्टोकरेंसी पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा या फिर बिटकॉइन के लिए नई वृद्धि की लहर को जन्म देगा?
ट्रंप की घोषणाओं के बाद बिटकॉइन क्यों गिरा?
ट्रंप द्वारा व्यापार बाधाओं की प्रमुख घोषणा के बाद, बाजारों में घबराहट फैल गई। Coinglass के अनुसार, महज 24 घंटों में 7,00,000 से अधिक ट्रेडर्स की पोजीशन लिक्विडेट हो गई, जिससे क्रिप्टो निवेशकों को कुल $2.2 बिलियन का नुकसान हुआ।
बिटकॉइन 6.3% गिरकर $90,000 पर आ गया। अन्य क्रिप्टोकरेंसी को और भी तेज गिरावट का सामना करना पड़ा: Ethereum 16.5% गिरा, जबकि Solana और XRP में क्रमशः 27% और 43% की गिरावट देखी गई।
इस तेज गिरावट का कारण स्पष्ट है: व्यापार युद्ध से वैश्विक मुद्रास्फीति (inflation) को लेकर डर बढ़ गया, जिससे सभी उच्च जोखिम वाले परिसंपत्तियों (high-risk assets) पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा, जिनमें क्रिप्टोकरेंसी भी शामिल है। निवेशकों को संभावित मंदी (recession) की चिंता सताने लगी, जिससे वे जल्दबाजी में नकदी और अधिक सुरक्षित निवेशों की ओर बढ़ गए, जिसके परिणामस्वरूप क्रिप्टो बाजार में तरलता (liquidity) कम हो गई।
क्या बिटकॉइन "नया सोना" बन सकता है?
कमजोर डॉलर पारंपरिक रूप से सोने और अन्य वस्तुओं (commodities) की कीमतों में वृद्धि लाता है। हालांकि, आज की डिजिटल अर्थव्यवस्था में बिटकॉइन को "डिजिटल गोल्ड" के रूप में तेजी से देखा जा रहा है। अस्थिरता के समय, निवेशक इसे मुद्रा अवमूल्यन (currency devaluation) से बचाव के रूप में मान रहे हैं।
इस संदर्भ में बिटकॉइन का पूर्वानुमान मिला-जुला है:
- एक ओर, अल्पकालिक दृष्टिकोण नकारात्मक दिखता है, क्योंकि घबराहट में बिकवाली (panic selling) हुई है।
- दूसरी ओर, दीर्घकालिक रुझान (long-term trends) 2024 में हुए बिटकॉइन हॉल्विंग (Bitcoin halving) और सिक्कों की घटती आपूर्ति के कारण तेजड़ियों (bullish investors) के लिए अनुकूल हो सकते हैं।
निवेशकों को अनिश्चितता से कैसे निपटना चाहिए?
विशेषज्ञ घबराने के बजाय इस गिरावट को निवेश में सतर्क प्रवेश का अवसर मानने की सलाह देते हैं।
बाजार रणनीतिकार रायन मैकमिलन कहते हैं:
"बाजार निर्माताओं (market makers) ने इस स्थिति का फायदा उठाकर अत्यधिक उत्तोलन (leveraged) पोजीशन को खत्म कर दिया। अब जब बिकवाली की तरलता (sell-side liquidity) कम हो गई है, आगे और गिरावट की संभावना घट रही है।"
DeFi प्रोटोकॉल Derive के संस्थापक, निक फॉर्स्टर, जोड़ते हैं कि हाल ही में आई अस्थिरता व्यापक आर्थिक परिवर्तनों की स्वाभाविक प्रतिक्रिया है, लेकिन इससे बिटकॉइन की दीर्घकालिक तेजी (bullish trend) प्रभावित नहीं होती।
वे कहते हैं:
"हमने बिटकॉइन की 30-दिन की अनुमानित अस्थिरता (implied volatility) में 4% की वृद्धि देखी है, लेकिन अगर ट्रंप की नीतियां वास्तव में कमजोर डॉलर की ओर ले जाती हैं, तो बिटकॉइन प्रमुख सुरक्षित निवेश रणनीतियों (safe-haven strategies) में से एक बन सकता है।"
निष्कर्ष: संकट या निवेश का सही अवसर?
बिटकॉइन को व्यापार युद्ध के कारण अभी खारिज करना जल्दबाजी होगी। हां, अल्पकालिक घबराहट के कारण बड़ी गिरावट हुई है, लेकिन यदि विश्लेषकों के डॉलर अवमूल्यन (dollar devaluation) के अनुमान सही साबित होते हैं, तो क्रिप्टोकरेंसी इस संकट से और भी मजबूत होकर उभर सकती हैं।
निवेशकों को ट्रंप प्रशासन की आगामी घोषणाओं और व्यापक आर्थिक संकेतकों (macroeconomic indicators) पर कड़ी नजर रखनी चाहिए। यह संभव है कि मौजूदा गिरावट अगले तेजी चक्र (bullish cycle) से पहले एक बेहतरीन खरीदारी अवसर साबित हो।