अमेरिकी डॉलर शायद वैश्विक प्रभुत्व पर अपनी पकड़ खोने के कगार पर है, और बिटकॉइन एक गंभीर दावेदार के रूप में उभर रहा है। भले ही अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मज़बूती पर डॉलर की नींव टिकी हो, लेकिन उस पर दबाव बढ़ता जा रहा है। ब्लैकरॉक के सीईओ लैरी फिंक के अनुसार, एक बड़ा बदलाव जारी है, जहां डिजिटल संपत्तियाँ तेज़ी से अपनी पकड़ बना रही हैं। हालांकि, डॉलर इतनी आसानी से पीछे हटने वाला नहीं है। उसका राज खत्म होने से अभी बहुत दूर है, लेकिन बिटकॉइन मुकाबले के लिए पूरी तरह तैयार हो रहा है।
फिंक अपने इस साहसिक पूर्वानुमान पर कायम हैं और इसके पीछे कई कारणों का ज़िक्र करते हैं। इनमें सबसे अहम है अमेरिका का बढ़ता राष्ट्रीय कर्ज़। 2024 में अमेरिकी सरकार ने अपने कर्ज़ पर ब्याज चुकाने में 952 अरब डॉलर से ज़्यादा खर्च किए। अगर मौजूदा वित्तीय नीति में कोई बदलाव नहीं होता, तो 2030 तक ब्याज भुगतान और संघीय ज़िम्मेदारियाँ बजट आय से अधिक हो सकती हैं। फिंक का मानना है कि इससे लगातार बढ़ते घाटे की राह बन सकती है।
उन्होंने चेतावनी दी, “अगर अमेरिका ने अपने कर्ज़ पर नियंत्रण नहीं पाया, और घाटे यूं ही बढ़ते रहे, तो अमेरिका को बिटकॉइन जैसे डिजिटल एसेट्स के सामने अपनी स्थिति गंवाने का खतरा है।” इस परिदृश्य में विकेंद्रीकृत वित्तीय प्रणालियाँ और अधिक प्रासंगिक हो सकती हैं। ये प्लेटफॉर्म तेज़ी, पारदर्शिता और व्यापक पहुंच प्रदान करते हैं, हालांकि इनमें अस्थिरता का जोखिम भी अधिक होता है।
अमेरिकी डॉलर शायद वैश्विक प्रभुत्व पर अपनी पकड़ खोने के कगार पर है, और बिटकॉइन एक गंभीर दावेदार के रूप में उभर रहा है। भले ही अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मज़बूती पर डॉलर की नींव टिकी हो, लेकिन उस पर दबाव बढ़ता जा रहा है। ब्लैकरॉक के सीईओ लैरी फिंक के अनुसार, एक बड़ा बदलाव जारी है, जहां डिजिटल संपत्तियाँ तेज़ी से अपनी पकड़ बना रही हैं। हालांकि, डॉलर इतनी आसानी से पीछे हटने वाला नहीं है। उसका राज खत्म होने से अभी बहुत दूर है, लेकिन बिटकॉइन मुकाबले के लिए पूरी तरह तैयार हो रहा है।
फिंक अपने इस साहसिक पूर्वानुमान पर कायम हैं और इसके पीछे कई कारणों का ज़िक्र करते हैं। इनमें सबसे अहम है अमेरिका का बढ़ता राष्ट्रीय कर्ज़। 2024 में अमेरिकी सरकार ने अपने कर्ज़ पर ब्याज चुकाने में 952 अरब डॉलर से ज़्यादा खर्च किए। अगर मौजूदा वित्तीय नीति में कोई बदलाव नहीं होता, तो 2030 तक ब्याज भुगतान और संघीय ज़िम्मेदारियाँ बजट आय से अधिक हो सकती हैं। फिंक का मानना है कि इससे लगातार बढ़ते घाटे की राह बन सकती है।
उन्होंने चेतावनी दी, “अगर अमेरिका ने अपने कर्ज़ पर नियंत्रण नहीं पाया, और घाटे यूं ही बढ़ते रहे, तो अमेरिका को बिटकॉइन जैसे डिजिटल एसेट्स के सामने अपनी स्थिति गंवाने का खतरा है।” इस परिदृश्य में विकेंद्रीकृत वित्तीय प्रणालियाँ और अधिक प्रासंगिक हो सकती हैं। ये प्लेटफॉर्म तेज़ी, पारदर्शिता और व्यापक पहुंच प्रदान करते हैं, हालांकि इनमें अस्थिरता का जोखिम भी अधिक होता है।