अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने व्यापक ट्रेड टैरिफ्स के फायदों को लेकर एक और साहसिक दावा किया है। उनका कहना है कि इन टैरिफ्स से मिलने वाला राजस्व संघीय सरकार को उन अमेरिकियों के लिए आयकर घटाने में सक्षम बना सकता है, जो सालाना $200,000 से कम कमाते हैं। तो क्या अर्थशास्त्री और मतदाता उनकी आर्थिक नीति को लेकर बेवजह चिंतित रहे हैं? इसका जवाब तो वक्त ही देगा।
एक हालिया बयान में अमेरिकी राष्ट्रपति ने दोहराया कि टैरिफ से मिलने वाला राजस्व पर्याप्त टैक्स रिलीफ देने में मददगार हो सकता है। उन्होंने Truth Social पर लिखा, "जब टैरिफ लागू होंगे, तो कई लोगों के इनकम टैक्स में भारी कटौती होगी, शायद पूरी तरह खत्म भी हो जाए। हमारा फोकस उन लोगों पर होगा जो सालाना $200,000 से कम कमाते हैं।"
राष्ट्रपति ट्रम्प की यह टिप्पणी शुक्रवार, 2 मई से चीनी आयात पर लगने वाले भारी टैरिफ की नई लहर से ठीक पहले आई है। हालांकि, इनके आधिकारिक तौर पर लागू होने से पहले ही इन उपायों ने अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए कीमतें बढ़ा दी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स के अनुसार, चीनी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स Temu और Shein ने अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए अपनी कीमतों में काफी वृद्धि कर दी है।
ब्लूमबर्ग के अनुसार, अप्रैल में अमेरिका के आयात टैरिफ्स में 60% से अधिक की वृद्धि हुई। ट्रम्प के पहले दौर के टैरिफ लागू होने के बाद संघीय सरकार ने कस्टम ड्यूटीज़ से $15.4 बिलियन जुटाए। हालांकि, यह राशि संघीय सरकार द्वारा आयकर से प्राप्त कुल राजस्व का केवल एक छोटा हिस्सा है। प्रारंभिक अनुमान बताते हैं कि ट्रम्प का दावा सच साबित करने के लिए टैरिफ से होने वाली आमदनी में भारी इजाफा जरूरी होगा।
अमेरिकी ट्रेज़री डिपार्टमेंट के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक संघीय सरकार ने $2.26 ट्रिलियन का टैक्स राजस्व इकट्ठा किया है, जिसमें से आधे से अधिक आय व्यक्तिगत आयकर से आया है।
अप्रैल की शुरुआत में, ट्रम्प ने अमेरिका के प्रमुख ट्रेडिंग पार्टनर्स को निशाना बनाते हुए व्यापक टैरिफ्स की घोषणा की थी। हालांकि बाद में उन्होंने इनमें से अधिकांश को स्थगित कर दिया, लेकिन चीनी वस्तुओं पर टैरिफ को 145% तक बढ़ा दिया, जिससे दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच ट्रेड संघर्ष और तेज हो गया।