मूडीज़ रेटिंग एजेंसी ने यह तय किया है कि भारत की रेटिंग Baa3 (इन्वेस्टमेंट ग्रेड) के स्तर पर बनी रहेगी, और इसके साथ स्थिर दृष्टिकोण (Stable Outlook) भी बरकरार रहेगा।
संक्षेप में, इसका अर्थ यह है कि भारत की अर्थव्यवस्था वाकई बड़ी और तेज़ी से बढ़ती हुई है, और देश की बाहरी स्थिति तथा घरेलू वित्तीय व्यवस्था इतनी मजबूत है कि वह मौजूदा राजकोषीय घाटे (fiscal deficit) से निपट सकती है।
हालांकि, भारत के क्रेडिट फ़ायदे (credit advantages) को लगातार कमजोर होती राजकोषीय स्थिति (fiscal metrics) संतुलित कर देती है। देश का बजट कुछ हद तक अस्थिर है, और हाल में उपभोग बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों ने सरकारी राजस्व को और घटा दिया है, जिससे वित्तीय स्थिरता की राह और कठिन हो गई है।
मूडीज़ का अनुमान है कि ऋण बोझ (debt burden) बहुत धीमी गति से घटेगा, लेकिन ऋण सेवा क्षमता (debt servicing outlook) अब भी आदर्श स्तर पर नहीं है। इसके अलावा, निजी उपभोग (private consumption) के लिए जारी उच्च स्तर का राजकोषीय समर्थन (fiscal support) देश के कर आधार (tax base) को कमजोर करता जा रहा है।
बॉन्ड रेटिंग्स में भारत अभी भी A2 और A3 स्तर पर है, लेकिन सॉवरेन रेटिंग और बॉन्ड सीलिंग के बीच का अंतर देश की मध्यम बाहरी असंतुलन (external imbalances) और अर्थव्यवस्था में सरकार की बड़ी भूमिका को दर्शाता है।
कुल मिलाकर, मूडीज़ का कहना है कि भारत के सामने बाहरी चुनौतियाँ और कुछ अवरोध हैं, लेकिन देश लगातार प्रगति कर रहा है।
फिर भी, यह प्रगति संतुलित और सतर्क गति से हो रही है — यानी भारत धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है, न कि तेज़ छलांगें लगाकर।