बैंक ऑफ अमेरिका का मानना है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) अब एक नई शक्ति के रूप में उभर रही है, जो अमेरिकी डॉलर के बाज़ार मूल्य को आकार दे रही है।
अल्पकाल में, इसका प्रभाव मिश्रित (mixed) रह सकता है, लेकिन AI अपनाने से प्रेरित निवेश उछाल (investment boom) ने पहले ही अमेरिकी अर्थव्यवस्था को उल्लेखनीय गति दी है और यह डॉलर के लिए एक सहायक कारक बन गया है।
बैंक के अनुमानों के अनुसार, 2025 की पहली दो तिमाहियों में, AI इंफ्रास्ट्रक्चर — जिसमें सॉफ़्टवेयर, हार्डवेयर और डेटा सेंटर शामिल हैं — में किए गए निवेश ने अमेरिकी GDP वृद्धि में 1.2 से 1.3 प्रतिशत अंक तक का योगदान दिया।
यह उछाल हाई-टेक शेयरों में बढ़ोतरी, उपभोक्ता गतिविधियों में मजबूती, और सेवाओं के क्षेत्र में लगातार मुद्रास्फीति के साथ मेल खाता है।
ये सभी कारक मिलकर फेडरल रिज़र्व (Federal Reserve) से उच्च ब्याज दरों की उम्मीदों को मजबूत कर रहे हैं — जो पारंपरिक रूप से डॉलर के लिए सकारात्मक संकेत माना जाता है।
फिर भी, AI-संबंधित शेयरों में तेजी और डॉलर की मजबूती के बीच सीधा संबंध अभी स्पष्ट नहीं हुआ है।
हालांकि इस वर्ष की शुरुआत में शेयर बाज़ार में उतार-चढ़ाव देखा गया, फिर भी डॉलर ज्यादातर स्थिर दायरे (sideways range) में ही ट्रेड करता रहा।
बैंक ऑफ अमेरिका के विश्लेषकों का कहना है कि ब्याज दरें और मुद्रास्फीति की अपेक्षाएँ जैसे मौद्रिक कारक (macroeconomic factors) अब भी मुद्रा प्रदर्शन (currency performance) के मुख्य चालक हैं।
हालांकि, कुछ जोखिम भी हैं — जिनमें सबसे बड़ा है AI का श्रम बाज़ार (labor market) पर प्रभाव।
कंपनियाँ अब उन नौकरियों में भर्ती करने में सावधानी बरत रही हैं, जिन्हें स्वचालित (automated) किया जा सकता है।
यह शुरुआती सावधानी आगे चलकर बेरोज़गारी दर में वृद्धि का कारण बन सकती है, जिससे फेडरल रिज़र्व को मौद्रिक नीतियों में ढील (rate cuts) देनी पड़ सकती है।
ऐसी स्थिति में, अमेरिकी डॉलर कमजोर पड़ सकता है।
दीर्घकाल में, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि AI उत्पादकता (productivity) बढ़ाता है या मुद्रास्फीति पर दबाव (disinflationary pressure) डालता है।
पहले मामले में, डॉलर को लाभ हो सकता है — ठीक वैसे ही जैसे 1990 के दशक के उत्तरार्ध में, जब तकनीकी क्रांति ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी थी।
लेकिन अगर AI से मुद्रास्फीति घटती है, तो यह अमेरिकी परिसंपत्तियों (US assets) पर रिटर्न कम कर सकती है, जिससे डॉलर की वैश्विक मांग भी घट सकती है।
फिर भी, बैंक ऑफ अमेरिका का मानना है कि आज की AI निवेश लहर, डॉट-कॉम बबल (dot-com bubble) जैसी नहीं है — क्योंकि यह लाभदायक और मजबूत नींव वाली कंपनियों पर आधारित है।
इसलिए, निवेशकों की AI में उच्च रुचि को डॉलर के लिए रचनात्मक (constructive) माना जा रहा है।
फिलहाल, एआई अभी तक मुद्रा बाज़ारों में प्रमुख शक्ति नहीं बनी है।
लेकिन जैसे ही निवेशकों को दीर्घकालिक रिटर्न और उत्पादकता में ठोस बढ़ोतरी दिखाई देगी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता आने वाले वर्षों में अमेरिकी डॉलर को सहारा देने वाले प्रमुख स्तंभों में से एक बन सकती है।