संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत वर्षों से चले आ रहे एक पुराने ट्रेड विवाद के समाधान के करीब हैं, जिसने दोनों देशों के रिश्तों को जटिल बना रखा था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि वॉशिंगटन भारतीय सामानों पर लगाए गए टैरिफ को कम कर सकता है। उन्होंने भरोसा जताया कि दोनों देश एक नए समझौते पर हस्ताक्षर करने के “काफ़ी करीब” हैं। इस बयान ने वैश्विक बाजारों और दोनों देशों के कारोबारियों को महत्वपूर्ण संकेत भेजे हैं।
इस वर्ष, ट्रंप की टैरिफ नीति और सख़्त हो गई है, जिसमें कुछ भारतीय निर्यातों पर शुल्क 50% तक बढ़ा दिया गया है। इसकी मुख्य वजह यह दबाव था कि नई दिल्ली रूस से तेल की खरीद कम करे। इसके जवाब में, भारतीय कंपनियों ने मॉस्को से कच्चे तेल का आयात घटा दिया, जिससे वार्ताओं के लिए माहौल सुधरने लगा। अमेरिका लंबे समय से भारत की ऊँची ट्रेड बाधाओं की आलोचना करता रहा है, यह कहते हुए कि ये अमेरिकी बाज़ार तक पहुंच में रुकावट पैदा करती हैं।
हाल के हफ्तों में माहौल बदलता दिख रहा है। पहले की तरह कठोर आरोपों के बजाय अब उम्मीद की झलक दिखाई दे रही है। ट्रंप के अनुसार, भारत वास्तव में अमेरिकी शर्तों को पूरा करने के करीब पहुंच गया है, और एक ट्रेड समझौता बस एक कदम दूर है। भारतीय अधिकारी भी सतर्क आशावाद दिखा रहे हैं और निकट भविष्य में वार्ताओं के सफल होने की उम्मीद कर रहे हैं।
अगर समझौता हो जाता है, तो टैरिफ में कमी दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगी। कारोबारियों के लिए यह प्रगति नए अवसर खोलेगी और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए अधिक स्थिर सहयोग ढांचा बनाने में मदद करेगी।