यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला फ़ॉन डेर लेयेन ने जोर देकर कहा कि यूरोप और अमेरिका वैश्विक व्यवस्था में आर्थिक महत्व खोने की एक समान प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। 1990 में वैश्विक जीडीपी में यूरोप की हिस्सेदारी 25% थी, जो आज घटकर 14% रह गई है, जबकि इसी अवधि में अमेरिका की हिस्सेदारी 22% से घटकर 14% हो गई है। यह बदलाव अटलांटिक के किसी एक हिस्से में आई गिरावट नहीं, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में आए बड़े संरचनात्मक परिवर्तन को दर्शाता है।
फ़ॉन डेर लेयेन के अनुसार, इस बदलाव का मुख्य कारण चीन का उदय है। 1990 में वैश्विक जीडीपी में चीन की हिस्सेदारी 4% थी, जो आज बढ़कर 20% हो गई है—यानी लगभग पाँच गुना वृद्धि। आर्थिक शक्ति में आया यह भूगर्भीय बदलाव अमेरिका के रणनीतिक पुनर्संतुलन की भी व्याख्या करता है, जिसने चीन की मजबूत होती स्थिति के साथ अपने हितों में स्पष्ट बदलाव का संकेत दिया है।
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष के मुताबिक, वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल इसलिए नहीं हो रही है क्योंकि अमेरिका अपनी रणनीतियों की समीक्षा कर रहा है, बल्कि उन रणनीतियों के परिणामस्वरूप हो रही है। यह एक नई भू-राजनीतिक वास्तविकता का संकेत है, जिसमें आर्थिक शक्ति धीरे-धीरे पूर्व की ओर खिसक रही है। ऐसी समझ यह रेखांकित करती है कि यूरोप को इस नए शक्ति संतुलन के अनुसार खुद को ढालना होगा और अपनी आर्थिक व राजनीतिक रणनीतियों पर पुनर्विचार करना होगा।