2026 में प्रवेश करते हुए, पिछले कुछ वर्षों के परिवर्तनकारी दौर के बाद वैश्विक व्यापार नई चुनौतियों का सामना कर रहा है। हालांकि 2025 में राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा टैरिफ लागू किए जाने के बावजूद अपेक्षाकृत मजबूती देखने को मिली, लेकिन इसके भीतर छिपे बदलाव अब सामने आ रहे हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में आने वाली शिपमेंट्स में 8% की गिरावट आई है, जबकि अफ्रीका, मध्य पूर्व, लैटिन अमेरिका और भारत में आयात में मजबूत वृद्धि दर्ज की गई है।
वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएँ पहले ही नए टैरिफ अवरोधों के अनुसार खुद को ढाल रही हैं। शिपिंग उद्योग के दिग्गज जॉन मैककाउन ने बताया कि जहां 2024 में अमेरिका में कंटेनर आयात 15.2% बढ़ा था, वहीं 2025 में इस रुझान में उलटफेर देखा गया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “मेरा मानना है कि 2026 टैरिफ के परिणामों का वर्ष होगा।” आपूर्ति मार्गों का पुनर्गठन इस समय जारी है, जिससे अतिरिक्त लागत और देरी हो सकती है।
2026 में दो कारक वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को गंभीर रूप से बाधित कर सकते हैं। पहला, हूथी हमलों में कमी और अक्टूबर में ग़ज़ा के लिए शांति योजना लागू होने के बाद रेड सी (लाल सागर) में जहाजों की वापसी। शिपिंग कंपनियां CMA CGM SA और A.P. Moller-Maersk पहले ही इस क्षेत्र में जहाज भेजना शुरू कर चुकी हैं। दूसरा, अमेरिकी अर्थव्यवस्था में संभावित तेज़ी से इन्वेंट्री स्तरों में अचानक बढ़ोतरी हो सकती है, जो शिपिंग उद्योग की क्षमताओं पर भारी दबाव डाल सकती है—यह चेतावनी Vespucci Maritime के सीईओ लार्स जेन्सन ने दी।