तुर्की पर अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियां लगातार अपनी रेटिंग को घटाती जा रही हैं। और इसलिए S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने तुर्की की सर्वसत्ता क्रेडिट रेटिंग को B+ से घटाकर B कर दिया है। ऐसा प्रतीत होता है कि राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की विशिष्ट नीति का कोई फल नहीं हुआ है।
बीते कुछ वर्षों से तुर्की कठिन समय से गुजर रहा है और एर्दोगन के लालच में आर्थिक जाल में फंसा हुआ है। उनकी मौद्रिक नीति में लापरवाह प्रयोगों का अर्थव्यवस्था या राष्ट्रीय मुद्रा पर वांछित प्रभाव नहीं पड़ा। इस कारण लीरा के पास दुनिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा के रूप में वर्ष को समाप्त करने की पूरी संभावना है। इन सब पर वैश्विक विशेषज्ञों से अछूती नही है।
ग्लोबल क्रेडिट रेटिंग एजेंसी के अनुसार, कमजोर मौद्रिक और राजकोषीय नीतियों के साथ-साथ कम शुद्ध विदेशी मुद्रा भंडार ने तुर्की मुद्रा की अस्थिरता में वृद्धि की है, इससे वित्तीय स्थिरता कम हो गई है। S&P के विश्लेषकों ने बताया कि देश की रेटिंग कमजोर मौद्रिक नीति की विश्वसनीयता को दर्शाती है, जो आगामी चुनाव से जुड़े बढ़ते जोखिमों की चेतावनी है।
जांच एजेंसी का अनुमान है कि तुर्की की अर्थव्यवस्था इस साल 5.2% तक बढ़ जाएगी, जबकि यह एक साल पहले 11.4% थी। इस दौरान मुद्रास्फीति दर 74 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। विशेषज्ञ मानते हैं कि तुर्की की अर्थव्यवस्था अगले साल मुद्रास्फीति के दबाव में एक कमी के कारण खपत और निवेश को रोक सकती है। उन्होंने कहा कि नीतिगत अनिश्चितता संभवतः 2023 के आम चुनाव से पहले अधिक रहेगी, जिसमें आर्थिक स्थिरता की कीमत पर अतिरिक्त प्रोत्साहन का खतरा होगा।