यूरोपीय श्रम बाजार मुश्किल में है। कई विशेषज्ञ सुस्त रोजगार को लेकर चिंतित हैं। हाल ही में इसके सुधार पर चर्चा हो रही थी, लेकिन अब यह परिदृश्य संदिग्ध हो गया है। अमेरिकी टैरिफ के संभावित प्रभाव, जिनका विवरण बुधवार, 2 अप्रैल को सामने आएगा, EU के श्रम बाजार की रिकवरी के लिए खतरा बन सकते हैं।
डॉयचे बैंक के विश्लेषकों के अनुसार, यदि अमेरिका को किए जाने वाले सभी निर्यात पर व्यापक स्तर पर जवाबी टैरिफ लगाए जाते हैं, तो इससे यूरोज़ोन और यूके की आर्थिक वृद्धि खतरे में पड़ सकती है। 2025 में GDP में क्रमशः 0.9% और 0.6% की गिरावट आ सकती है।
इसके अलावा, EU के श्रम बाजार में बड़े पैमाने पर छंटनी हो सकती है। डॉयचे बैंक के अनुमान के अनुसार, EU में 17 लाख नौकरियां खत्म हो सकती हैं। सबसे अधिक खतरे में जर्मनी, इटली, यूके, फ्रांस और पोलैंड होंगे, जो कुल नौकरी कटौती का लगभग दो-तिहाई हिस्सा होंगे। संभावित रूप से जर्मनी में 4 लाख, इटली में 2.4 लाख, यूके में 1.5 लाख, फ्रांस में 1.4 लाख और पोलैंड में 1 लाख नौकरियां खत्म हो सकती हैं।
सबसे अधिक प्रभावित होने वाले सेक्टर मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स और डिस्ट्रीब्यूशन होंगे। ऐसे हालात में कुशल श्रमिकों की भारी कमी हो सकती है। इसके अलावा, आईटी सेक्टर और इंजीनियरिंग क्षेत्र भी गंभीर रूप से प्रभावित होंगे।
फिलहाल, अमेरिकी टैरिफ का सटीक विवरण अज्ञात है, लेकिन यूरोपीय श्रम बाजार पर उनके संभावित प्रभाव को लेकर गंभीर चिंताएं उठ रही हैं।