जापान का निक्केई 225 सूचकांक (Nikkei 225 Index) पहली बार इतिहास में 50,000 अंकों के पार पहुंच गया है, जो आशावाद की लहर से प्रेरित है। हालाँकि नई नियुक्त प्रधानमंत्री साने ताकाइची (Sanae Takaichi) अभी अपने कार्यभार में पूरी तरह स्थापित भी नहीं हुई हैं, लेकिन बाज़ार पहले ही यह तय कर चुका है कि अब तेज़ी (bullish trend) का समय है — खासकर उस स्थिति में जब अमेरिकी फेडरल रिज़र्व (Federal Reserve) की ओर से ढीली मौद्रिक नीति (dovish shift) की उम्मीदें बढ़ रही हैं।
सोमवार को, निक्केई में 2.1% की बढ़त दर्ज हुई और यह 50,342 अंकों तक पहुँच गया, जबकि व्यापक TOPIX सूचकांक में 1.7% की वृद्धि हुई, जो एक नया उच्च स्तर है। सिर्फ अक्टूबर माह में ही निक्केई लगभग 12% बढ़ा है, जिससे संकेत मिलता है कि जापानी बाज़ार वर्ष का समापन मज़बूत ढंग से करने की ओर अग्रसर है।
ताकाइची, जिन्होंने सिर्फ एक हफ़्ता पहले पदभार संभाला, अब एक राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज (fiscal stimulus package) तैयार कर रही हैं, जो पिछले वर्ष के 13.9 ट्रिलियन येन (लगभग 92 अरब डॉलर) के पैकेज से भी बड़ा हो सकता है। इस फंड का उद्देश्य मुद्रास्फीति से निपटना, प्रौद्योगिकी क्षेत्रों को समर्थन देना, और राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करना है।
टोक्यो में, इन उपायों को “सपोर्ट इनिशिएटिव्स” कहा जा रहा है, जबकि वॉल स्ट्रीट में इन्हें सकारात्मक प्रभाव वाले प्रोत्साहन कदम (stimulative actions) के रूप में देखा जा रहा है।
इस बीच, अमेरिका से मिले आँकड़ों से पता चला कि सितंबर में मुद्रास्फीति अपेक्षा से कम बढ़ी, यानी उपभोक्ता मूल्य वृद्धि धीमी रही। बाज़ार ने इसे एक संकेत के रूप में लिया कि फेडरल रिज़र्व 28–29 अक्टूबर की बैठक में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।
जब दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ एक साथ ढीली नीतियों (easing policies) के संकेत देती हैं, तो निवेशक आम तौर पर अपने मतभेद भुलाकर खरीदारी की दिशा में बढ़ते हैं।
बैंक ऑफ़ जापान की बैठक गुरुवार को निर्धारित है, और व्यापक रूप से यह उम्मीद की जा रही है कि वह नीतिगत ब्याज दर 0.5% पर बरकरार रखेगा। आधिकारिक रूप से इसका कारण “अमेरिकी टैरिफ़ पर अधिक स्पष्टता” की प्रतीक्षा बताया जा रहा है, जबकि ग़ैर-औपचारिक रूप से यह रुख एक “इंतज़ार और निगरानी” (wait-and-see) नीति जैसा प्रतीत होता है — जब तक कि प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक रुझान स्थिर न हो जाएँ।
निक्केई का यह रिकॉर्ड स्तर उचित लगता है, क्योंकि यह बाज़ार की उस दिशा को दर्शाता है जो नीतिगत अपेक्षाओं के अनुरूप है।
यदि ताकाइची वास्तव में वह राजनीतिक दृढ़ता (political vigor) दिखा पाती हैं जिसकी टोक्यो को उम्मीद है, तो 50,000 का स्तर एक नई शुरुआत साबित हो सकता है — न कि एक सीमा (ceiling)।