अक्टूबर में चीन में महँगाई (Inflation) ने हल्की सी रौनक दिखाई, जहाँ उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में मामूली बढ़त दर्ज की गई और उत्पादक मूल्यों (Producer Prices) में गिरावट उम्मीद से कम रही। पहली नज़र में यह सुधार जैसा प्रतीत होता है, लेकिन वास्तव में यह लंबे समय से जारी मंदी (Deflation) के दौर में बस एक छोटा सा ठहराव है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (National Bureau of Statistics) के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक साल-दर-साल 0.2% बढ़ा, जो शून्य वृद्धि की उम्मीदों से बेहतर है और पिछले महीने की 0.3% की गिरावट से एक महत्वपूर्ण सुधार दर्शाता है। मासिक आधार पर भी CPI में 0.2% की वृद्धि हुई, जो जून के बाद पहली सकारात्मक बढ़त है।
यह सुधार “गोल्डन वीक” छुट्टी और उपभोक्ता खर्च में आई बहाली से प्रेरित था, जिसमें नागरिकों ने यात्रा और ख़रीदारी के ज़रिए आर्थिक आशावाद को अपनाने की कोशिश की। इसके अलावा, “सिंगल्स डे” जैसे बड़े रिटेल आयोजनों ने मांग को और बढ़ावा दिया, जो परंपरागत रूप से बिक्री में उछाल लाते हैं।
फिर भी, व्यापक परिदृश्य में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है। चीन अब भी डिफ्लेशन की कगार पर है। अक्टूबर में उत्पादक मूल्यों में साल-दर-साल 2.1% की गिरावट हुई — जो अनुमान से थोड़ी बेहतर रही, लेकिन यह लगातार 37वें महीने की गिरावट थी। अस्थायी उत्पादन प्रतिबंधों के बावजूद औद्योगिक क्षेत्र का भरोसा न्यूनतम स्तर पर बना हुआ है।
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि घरेलू मांग अब भी कमजोर है, खुदरा कीमतें स्थिर हैं, और अमेरिका के साथ जारी व्यापारिक तनाव अर्थव्यवस्था पर अतिरिक्त दबाव डाल रहे हैं।
बीजिंग ने नए प्रोत्साहन उपायों (stimulus measures) की घोषणा की है और सावधानीपूर्वक वित्तीय समर्थन (fiscal support) बढ़ाने की संभावना जताई है। साथ ही, वॉशिंगटन के साथ संबंधों में सुधार से अर्थव्यवस्था को कुछ राहत मिलने की उम्मीद की जा रही है।
हालाँकि, आँकड़े खुद अपनी कहानी कहते हैं — महँगाई भले ही लौट आई हो, लेकिन यह वास्तविक आर्थिक सुधार का संकेत नहीं, बल्कि आँकड़ों का एक अस्थायी प्रभाव भर है।